सम्पन्न परिवार के बेटे ने अपने किसान पिता की इच्छा पूरी करने के लिए पुरानी परम्परा से न सिर्फ शादी के मंडप में सात फेरे लिए बल्कि आज उसने लक्जरी कार के बजाय बैलगाड़ी से दुल्हन की विदाई कराई। विदाई का नजारा देखने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ी। हर कोई इस शादी को देख वाह-वाह करने लगा। दुल्हन को बैठाकर दूल्हा खुद ही बैलगाड़ी से अपने घर पहुंचा जहां परिवार और पड़ोसियों ने दोनों का जोरदार स्वागत किया।
हमीरपुर जिले के राठ कस्बे के चरखारी रोड निवासी राजीव उर्फ राजू द्विवेदी खेतीबाड़ी करते है। ये करीब पचपन बीघे जमीन के काश्तकार है। उन्होंने अपने पुत्र विवेक उर्फ राजा द्विवेदी की शादी महोबा जिले के सूपा गांव में राकेश शुक्ला की पुत्री रोहिणी के साथ तय की थी। कन्या पक्ष के लोगों ने राठ कस्बे में आकर गेस्टहाउस में आकर शादी सम्पन्न कराने के लिए इंतजाम किया था। बैंडबाजे के साथ बारात गेस्टहाउस पहुंची जहां बारातियों को जमकर स्वागत और सत्कार किया गया। द्वारचार के बाद वरमाला की रश्में की गई। बाद में शादी के मंडप में दूल्हे ने दुल्हन के साथ सात फेरे लिए। शादी सम्पन्न होने के बाद सोमवार को विदाई की बेला आई तो दूल्हे ने लक्जरी कार से विदाई कराने से साफ इंकार कर दिया।
उसने दुल्हन पक्ष के लोगों से कहा कि पिता की इच्छा है कि पुरानी परम्परा के तहत बैलगाड़ी से ही दुल्हन की वि दाई कराई जाए। दूल्हे की डिमांड सुनकर कन्या पक्ष के लोगदंग रह गए। आननफानन राठ क्षेत्र के टोला गांव से एक बैलगाड़ी का इंतजाम कराया गया। बैलगाड़ी को खूब सजाया गया। विदाई की बेला में दुल्हन को बैलगाड़ी में बैठाया गया। दुल्हन को बैलगाड़ी में बैठाने के बाद दूल्हे खुद ही बैलगाड़ी को हांकते घर तक ले गया। बैलगाड़ी से दुल्हन की विदाई का नजारा देख आम लोग दंग रह गए। शादी में शामिल होने महोबा से आए उपेन्द्र समेत तमाम लोगों ने बताया कि इक्कीसवीं सदी में दुल्हन की विदाई लक्जरी कार और हेलीकाप्टर से कराने का दौर शुरू हो चुका है लेकिन यहां पुरानी परम्परा में बैलगाड़ी से दुल्हन की विदाई का नजारा अलग ही था।
दूल्हा करोड़पति तो दुल्हन भी बीटीसी की कर रही पढ़ाई
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शादी सम्पन्न होने के बाद दूल्हे राजा द्विवेदी ने बताया कि पिता ने कहा था शादी के बाद दुल्हन की विदाई सिर्फ बैलगाड़ी से होनी चाहिए इसलिए पिता की इच्छा आज पूरी की गई है। बताया कि बैलगाड़ी से दुल्हन की विदाई कराकर घर तक पहुंचने में काफी समय लग गया। घर के दरवाजे पहुंचते ही परिवार और प$ड़ोसियों ने खूब स्वागत किया। फूलों की बारिश भी की गई। उधर चरखारी में बीटीसी की पढ़ाई कर रही दुल्हन रोहिणी की भी खुशी से आंखें भर आई। बता दे कि दूल्हा इलेक्ट्रिक स्कूटर की एजेंसी का मालिक है। इनकी गिनती भी सम्पन्न लोगों में होती है।