विकासखंड सकरन की ग्राम पंचायत ओडाझार में पंचायत भवन इंटरलॉकिंग आदि कार्यों में सचिव प्रधान के द्वारा मिलकर बड़े पैमाने पर लाखों का भ्रष्टाचार किया गया था इसकी शिकायत मानवाधिकार सहायता संघ अंतरराष्ट्रीय जिला अध्यक्ष सीतापुर के द्वारा जिलाधिकारी व खंड विकास अधिकारी सकरन व उप जिलाधिकारी विशवां को शपथ पत्र के माध्यम से दी गई थी जिस पर खंड विकास अधिकारी सकरन के द्वारा इस प्रकरण की जांच कराई गई जांच में प्रधान व सचिव बार-बार दोषी पाए गए इस पर खंड विकास अधिकारी सकरन ने सचिव व प्रधान के विरुद्ध कार्यवाही हेतु आरोप पत्र बनाकर डीडीओ व डीपीआरओ सीतापुर को प्रेषित कर दिया था इस पर डीडीओ द्वारा प्रकरण का संज्ञान लेकर सचिव के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई थी जबकि प्रधान पर कार्यवाही हेतु पत्र जिलाधिकारी कार्यालय भेजा गया था इस पर उनके कार्यालय द्वारा जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रवि शंकर गिरी को दो सप्ताह में जांच कर दोषी प्रधान के विरुद्ध कार्यवाही, जांच रिपोर्ट प्रेषित करने का निर्देश दिया था इस पर लगातार कई बार शिकायतकर्ता के द्वारा नोडल अफसर से बात की गई लेकिन उनके द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर न देकर गुमराह किया जाता रहा 3 माह बीत जाने के बावजूद भी अब तक प्रधान पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही न कर प्रधान को संरक्षण देने का कार्य कर रहे नोडल अधिकारी इस तरह भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया जा रहा है जो सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के विरुद्ध है जिलाधिकारी के आदेशों को भी ताक पर रखकर अपनी मनमानी पर उतारू नोडल अधिकारी आखिर प्रधान को संरक्षण देकर क्या साबित करना चाहते हैं बना अहम सवाल

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