दुनिया – Crime On Top https://crimeontop.live Tue, 18 Feb 2025 11:30:29 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 एक बंदर ने कर दी श्रीलंका की बत्ती गुल! 6 घंटे तक लोग रहे परेशान https://crimeontop.live/2025/02/18/a-monkey-made-sri-lankan-lights-up-for-6-hours-people-stayed-up/ https://crimeontop.live/2025/02/18/a-monkey-made-sri-lankan-lights-up-for-6-hours-people-stayed-up/#respond Tue, 18 Feb 2025 11:30:29 +0000 https://thenews4india.com/?p=3947

बंदर एक ऐसा प्राणी है, जिसकी हरकतें दूसरों से अलहदा होती हैं. अक्सर इनकी गतिविधियां लोगों को हंसाने वाली होती है. वहीं ऐसा भी कई बार हुआ है कि इनकी शरारत की वजह से बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है. इस बार एक बंदर ने पूरे श्रीलंका में ब्लैकआउट कर दिया. आखिर ये कैसे हुआ चलिए जानते हैं?

एक बंदर की शरारत की वजह से पूरा श्रीलंका अंधेरे में डूब गया. दरअसल, एक बंदर ने मुख्य ग्रिड में पहुंचकर वहां ट्रांसफॉर्मर में कुछ गड़बड़ी कर दी. इस वजह से पूरे श्रीलंका में अधिकांश जगहों की बिजली कट गई. ब्लैकआउट ने कई इलाकों को प्रभावित किया. इंजीनियरों ने बिजली बहाल करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी.

तीन घंटे बाद कुछ इलाकों में आई बिजली

कुछ इलाकों में तीन घंटे के बाद बिजली बहाल हुई. वहीं पूरी तरह से अभी भी इस देश में बिजली व्यवस्था ट्रैक पर नहीं आ सकी है. अधिकारियों ने पुष्टि की है कि रविवार को श्रीलंका के एक बिजली सब-स्टेशन में बंदर के घुसने से पूरे देश में बिजली गुल हो गई.

रविवार को पूरे देश में हो गया था ब्लैक आउट

वहां के स्थानीय समयानुसार रविवार सुबह 11:30 बजे बिजली गुल होने की शुरुआत हुई. जैसे ही बिजली विभाग के अधिकारियों और इंजीनियरों को गड़बड़ी का पता चला इसे ठीक करने के प्रयास में जुट गए.  कुछ इलाकों में तीन घंटे बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ.

मंत्री ने भी बंदर की वजह से बिजली कटने की पुष्टि की

ऊर्जा मंत्री कुमारा जयकोडी ने कहा कि एक बंदर हमारे ग्रिड ट्रांसफार्मर के संपर्क में आ गया था. इससे वजह से सिस्टम में असंतुलन पैदा हो गया. यह घटना कोलंबो के दक्षिण में एक उपनगर में हुई है.

बिजली बहाली के प्रयास जारी

हालांकि कुछ इलाकों में बिजली बहाल हो गई है, लेकिन अधिकारियों को यह नहीं पता कि बिजली पूरी तरह से बहाल होने में कितना समय लगेगा. जयकोडी ने कहा कि इंजीनियर जल्द से जल्द सेवा बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं.

श्रीलंका में पहले भी हुए हैं ब्लैकआउट

श्रीलंका को 2022 में आर्थिक संकट के दौरान लंबे समय तक बिजली की कमी का सामना करना पड़ा था. ईंधन की कमी के कारण बिजलीघरों को प्रतिदिन 13 घंटे तक बिजली कटौती करनी पड़ी थी.

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‘We Missed You A Lot’: ट्रंप ने पीएम मोदी का गले लगाकर स्वागत किया https://crimeontop.live/2025/02/14/we-missed-you-a-lot-trump-welcomed-pm-modi-by-hugging/ https://crimeontop.live/2025/02/14/we-missed-you-a-lot-trump-welcomed-pm-modi-by-hugging/#respond Fri, 14 Feb 2025 11:03:06 +0000 https://thenews4india.com/?p=3868

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार (स्थानीय समयानुसार) को व्हाइट हाउस में एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान ट्रंप पीएम मोदी से गले मिले और कहा, ‘हमें आपकी बहुत याद आई।’

इसके बाद ट्रंप ने पीएम मोदी को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के प्रमुख एलन मस्क सहित अन्य अधिकारियों से मिलवाया। विज्ञापन

व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ डैन स्कैविनो ने एक्स पर पीएम मोदी और ट्रंप की तस्वीर साझा की।

व्हाइट हाउस में फहराए गए भारतीय झंडे

पीएम मोदी के आगमन के तुरंत बाद भारतीय प्रतिनिधिमंडल व्हाइट हाउस पहुंचा, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा शामिल थे। पीएम मोदी के आगमन से पहले व्हाइट हाउस में भारतीय झंडे फहराए गए।

नवंबर 2024 से अब तक पीएम मोदी-ट्रंप के बीच दो बार फोन पर हो चुकी वार्ता

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद अमेरिका का दौरा करने वाले पहले विश्व नेताओं में से एक हैं। उन्हें नए प्रशासन के कार्यभार संभालने के तीन सप्ताह के भीतर यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया गया था। नवंबर 2024 से लेकर अब तक पीएम मोदी और ट्रंप के बीच दो बार फोन पर बात हो चुकी है।

ट्रंप से मुलाकात से पहले इन लोगों से मिले पीएम मोदी

व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात से पहले, पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क, भारतीय मूल के उद्यमी विवेक रामास्वामी और अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।

फ्रांस दौरे पर जेडी वेंस से मिले पीएम मोदी

बता दें पीएम मोदी बुधवार (स्थानीय समयानुसार) को डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर अमेरिका पहुंचे। इससे पहले, उन्होंने फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा की। फ्रांस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात की।

2005 में भारत-अमेरिका ने शुरू की रणनीतिक साझेदारी

उल्लेखनीय है कि भारत और अमेरिका ने 2005 में ‘रणनीतिक साझेदारी’ शुरू की थी, और फरवरी 2020 में ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान इन संबंधों को व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में बढ़ाया गया।

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अफगानिस्तान में बैंक के बाहर विस्फोट, 25 लोगों की मौत, 30 घायल https://crimeontop.live/2025/02/12/25-people-killed-30-injured-outside-bank-in-afghanistan/ https://crimeontop.live/2025/02/12/25-people-killed-30-injured-outside-bank-in-afghanistan/#respond Wed, 12 Feb 2025 10:59:05 +0000 https://thenews4india.com/?p=3813

काबुल: अफगानिस्तान के उत्तरी शहर कुंदुज में काबुल बैंक के एक ब्रांच के बाहर मंगलवार की सुबह हुए विस्फोट में 25 अफराद की मौत हो गई, जबकि कम से कम 30 दीगर अफराद ज़ख़्मी हो गए. अफगान मीडिया ने जराए के हवाले से यह खबर दी है.
अमु टीवी ने अपने मकामी जराए के हवाले से बताया है कि विस्फोट में मारे गए लोगों में से ज़्यादातर तालिबान के मेंबर थे. मारे गए लोगों में कुंदुज के ‘पुलिस जिले 4’ के तालिबान सुरक्षा कमांडर जकारिया भी शामिल हैं.  यह ताजा हमला काबुल में आत्मघाती बम विस्फोट के दो महीने बाद हुआ है, जिसमें तालिबान शरणार्थी मंत्री खलील हक्कानी और दो अन्य मारे गए थे.

तालिबान पुलिस ने कहा, “मंगलवार की सुबह शहर में काबुल बैंक के ब्रांच के बाहर हुआ विस्फोट एक खुद्कुश हमला था, जिसमें नागरिकों और तालिबान सदस्यों सहित पांच अफराद की मौत हो गई और सात दीगर अफराद जख्मी हो गए. सूत्रों के मुताबिक, विस्फोट स्थानीय समयानुसार सुबह 8:30 बजे हुआ था. मृतकों के शवों को तालिबान के 217 ओमारी कोर क्लिनिक में ले जाया गया है.

पुलिस तर्जुमान जुमाउद्दीन खाकसर ने कहा,  “यह हमला कुंदुज प्रांत में काबुल बैंक की एक शाखा के पास हुआ. मृतकों में बैंक का एक गार्ड भी शामिल है. अभी तक किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. खाकसर ने कहा कि पुलिस हमले की साजिश रचने वालों का पता लगाने के लिए काम कर रही है.

गौरतलब है कि इस्लामिक स्टेट समूह के अफ़गान ग्रुप के आतंकवादियों ने पूरे अफ़गानिस्तान में बम विस्फोट किए हैं. अगस्त 2021 में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद से आत्मघाती हमले कम हो गए हैं, क्योंकि 20 साल के जंग के बाद अमेरिका और नाटो सेनाएँ वापस चली गई थीं. आईएस से जुड़े इस संगठन काबुल में  अल्पसंख्यक शिया मुसलमानों को भी निशाना बनाता रहा है.

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यूक्रेन युद्ध को लेकर क्या ट्रंप-पुतिन में हुई बातचीत? क्रेमलिन प्रवक्ता ने दिया यह जवाब https://crimeontop.live/2025/02/10/what-a-conversation-in-trump-putin-about-ukraine-war-gave-this-answer/ https://crimeontop.live/2025/02/10/what-a-conversation-in-trump-putin-about-ukraine-war-gave-this-answer/#respond Mon, 10 Feb 2025 11:09:09 +0000 https://thenews4india.com/?p=3726

मॉस्को: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की है। अमेरिकी मीडिया आउटलेट न्यूयॉर्क पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है। साल 2022 के बाद से अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ पुतिन की फोन पर पहली ज्ञात बातचीत है। इस बीच रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता ने दोनों नेताओं की बातचीत की न तो पुष्टि की और न ही इससे इनकार किया।

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, एयर फोर्स वन में दिए इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने पुतिन से फोन पर यूक्रेन युद्ध के हल को लेकर चर्चा की। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह नहीं बताया कि बातचीत कब और कितनी बार हुई। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। ट्रंप ने कहा, ‘पुतिन लोगों को मरते देखना नहीं चाहते हैं।’

बातचीत पर क्रेमलिन ने क्या कहा?

वहीं, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच यूक्रेन युद्ध पर हुई कथित बातचीत की न तो पुष्टि कर सकते हैं और न ही खंडन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन में प्रशासन के बदलने के कारण कई तरह की बातें हो रही हैं, लेकिन उन्हें व्यक्तिगत रूप से इस विशेष बातचीत की कोई जानकारी नहीं है।

वॉइट हाउस ने नहीं दिया कोई बयान

वॉइट हाउस ने इस बारे में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। एनबीसी न्यूज पर एक इंटरव्यू के दौरान जब ट्रंप और पुतिन की बातचीत के बारे में पूछा गया तो अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने भी इस पर कुछ कहने से इनकार कर दिया। वाल्ट्ज ने कहा कि ‘मैं राष्ट्रपति और उनके निश्चित रूप से बहुत सारी संवेदनशील वार्ताओं के बारे में कुछ भी नहीं कहूंगा।’

यूक्रेन युद्ध के 3 साल

फरवरी 2022 में पुतिन ने हजारों रूसी सैनिकों को यूक्रेन में भेजकर एक पूर्ण पैमाने का सैन्य अभियान शुरू किया। उन्होंने दावा किया कि इस अभियान का मकसद यूक्रेन में रूसी बोलने वाले लोगों की रक्षा करना है और नाटो में यूक्रेन की संभावित सदस्यता रूस की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है। अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस के इस कदम को आक्रामक करार दिया और कीव को सैन्य एवं आर्थिक सहायता देना शुरू कर दिया।

फिलहाल, रूस यूक्रेन के एक बड़े हिस्से पर कब्जा किए हुए है, जो अमेरिका के वर्जीनिया राज्य के बराबर है। ट्रंप ने चुनाव प्रचार में बार-बार कहा कि अगर वे दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो यूक्रेन युद्ध को जल्द खत्म कर देंगे।

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ट्रंप को कोर्ट से झटका: कर्मचारियों को पैसे देकर इस्तीफा दिलाने की योजना पर रोक https://crimeontop.live/2025/02/07/ban-on-plan-to-resign-by-giving-money-to-trump-from-court-by-giving-money-to-employees/ https://crimeontop.live/2025/02/07/ban-on-plan-to-resign-by-giving-money-to-trump-from-court-by-giving-money-to-employees/#respond Fri, 07 Feb 2025 10:39:24 +0000 https://thenews4india.com/?p=3684

वाशिंगटन। एक संघीय जज ने गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस योजना पर गुरुवार को अस्थायी रोक लगा दी जिसमें वित्तीय प्रोत्साहन देकर संघीय कर्मचारियों से इस्तीफों की मांग की गई थी।

अदालत का यह फैसला मध्यरात्रि की उस अंतिम समयसीमा से कुछ घंटे पहले आया है जब संघीय कर्मचारियों को इस योजना के तहत इस्तीफे देने थे। इस योजना को आम बोलचाल में बायआउट कहा जा रहा है।

इस्तीफा देने की समयसीमा को अगली सुनवाई के बाद

बोस्टन में अमेरिकी जिला जज जॉर्ज ओ टूल जूनियर ने ट्रंप प्रशासन की योजना की वैधानिकता पर कोई राय व्यक्त नहीं की। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।

उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि वे योजना के तहत इस्तीफा देने की समयसीमा को अगली सुनवाई के बाद तक बढ़ा दे। कई श्रम संघों ने इस योजना को चुनौती दी है।

हजारों स्वास्थ्य कर्मियों को भी निकालने की तैयारी

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस अमेरिकी स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के हजारों कर्मियों को बर्खास्त करने के एक्जीक्यूटिव आदेश पर काम कर रहा है। यह आदेश अगले हफ्ते आ सकता है। इसके तहत फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों को कुछ प्रतिशत कर्मचारियों को बर्खास्त करना होगा।

जन्मजात नागरिकता मामले में कोर्ट ने लगाई रोक

जन्मजात नागरिकता मामले में ट्रंप प्रशासन को एक और झटका लगा है। दो दिनों में एक दूसरे संघीय न्यायालय ने अवैध रूप से अमेरिका में रहने वाले माता-पिता के बच्चों के लिए जन्मजात नागरिकता को समाप्त करने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकारी आदेश पर रोक लगा दिया है।

जज ने संविधान के प्रति प्रशासन के व्यवहार की निंदा की

सिएटल में अमेरिकी जिला न्यायाधीश जान कफेनौर ने गुरुवार को संविधान के प्रति प्रशासन के व्यवहार की निंदा की और कहा कि ट्रंप एक कार्यकारी आदेश के साथ इसे बदलने की कोशिश कर रहे थे।

नवीनतम कार्यवाही मैरीलैंड संघीय न्यायाधीश द्वारा आप्रवासियों के अधिकार समूहों और गर्भवती महिलाओं से जुड़े एक अलग लेकिन इसी तरह के मामले में राष्ट्रव्यापी रोक जारी करने के ठीक एक दिन बाद हुई, जिनके जल्द ही पैदा होने वाले बच्चे प्रभावित हो सकते हैं।

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पाकिस्तान ने फिर अलापा कश्मीर राग, पीएम शरीफ ने भारत से बातचीत की बात दोहराई https://crimeontop.live/2025/02/06/pakistan-again-reiterated-the-talk-of-conversation-with-india/ https://crimeontop.live/2025/02/06/pakistan-again-reiterated-the-talk-of-conversation-with-india/#respond Thu, 06 Feb 2025 11:02:32 +0000 https://thenews4india.com/?p=3637

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि उनका देश कश्मीर समेत सभी मुद्दों को भारत के साथ बातचीत के जरिए सुलझाना चाहता है। उन्होंने इसके साथ ही कश्मीरी लोगों के प्रति अपना अटूट समर्थन दोहराया।

शरीफ ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ के मौके पर मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे। यह दिवस कश्मीरियों के प्रति समर्थन प्रदर्शित करने के लिए पाकिस्तान द्वारा हर साल मनाया जाता है।

अनुच्छेद 370 का किया जिक्र

शरीफ ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का जिक्र करते हुए कहा- ‘भारत को पांच अगस्त 2019 के सोच से बाहर आना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र से किए गए वादों को पूरा करना चाहिए तथा वार्ता शुरू करनी चाहिए।’

भारत ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया।

लाहौर घोषणापत्र का उठाया मुद्दा

  • प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता बातचीत है, जैसा कि 1999 के लाहौर घोषणापत्र में पहले ही लिखा गया है। इस पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पाकिस्तान यात्रा के दौरान सहमति बनी थी।
  • भारत ने बार-बार कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में सामान्य पड़ोसी की तरह संबंध चाहता है। भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा देश का अभिन्न अंग थे, हैं और रहेंगे।
  • भारत द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी। शरीफ ने भारत पर हथियार जमा करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हथियार जमा करने से शांति नहीं आएगी और इस क्षेत्र के लोगों की किस्मत नहीं बदलेगी।

कश्मीर पर उगला जहर

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत से समझदारी से काम करने का अनुरोध किया और कहा कि प्रगति का रास्ता शांति है। उन्होंने कहा- ‘पाकिस्तान कश्मीरियों को उनके आत्मनिर्णय के अधिकार की प्राप्ति तक अपना नैतिक, कूटनीतिक और राजनीतिक समर्थन जारी रखेगा।

कश्मीर मुद्दे का एकमात्र समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के तहत आत्मनिर्णय का अधिकार है।’ राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत पर दबाव डालने की अपील की, ताकि कश्मीरियों को क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए स्वतंत्र रूप से अपना भविष्य निर्धारित करने की अनुमति मिल सके।

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ट्रंप का प्लान, गाजा पर कब्जा कर सुंदर शहर बनाएंगे जहां दुनिया के लोग रह सकेंगे https://crimeontop.live/2025/02/05/trumps-plan-will-capture-gaza-and-create-a-beautiful-city-where-people-of-the-world-will-be-able-to-live/ https://crimeontop.live/2025/02/05/trumps-plan-will-capture-gaza-and-create-a-beautiful-city-where-people-of-the-world-will-be-able-to-live/#respond Wed, 05 Feb 2025 11:27:48 +0000 https://thenews4india.com/?p=3598

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 4 फरवरी को वाइट हाउस में बैठक की है। बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, कि “अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा और हम इसके साथ काम भी करेंगे। हम इसे अपना बना लेंगे।” हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी योजनाओं का खुलासा नहीं किया, लेकिन उन्होंने ये जरूर कहा, कि वो गाजा पट्टी में युद्ध से तबाह इलाके को “मध्य पूर्व का रिवेरा”, यानि मध्य पूर्व का स्वर्ग बना देंगे। यानि, ट्रंप और नेतन्याहू का प्लान गाजा पट्टी पर कब्जा करने की है। लिहाजा, जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर उनका प्लान क्या हो सकता है और इसका असर क्या होगा?

गाजा पट्टी भूमध्य सागर पर इजरायल और मिस्र के बीच स्थित जमीन की एक संकरी पट्टी है, जो करीब अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी के आकार की है। साल 1948 में इजरायल के अस्तित्व में आने के बाद मिस्र ने करीब 20 सालों तक गाजा पर अपना नियंत्रण रखा। साल 1967 में इजरायल ने एक साथ अपने 6 अरब पड़ोसी देशों के साथ जंग लड़ी और जीत हासिल करने के बाद उसने गाजा और वेस्ट बैंक पर कब्जा कर लिया। सिर्फ 6 दिनों तक चले इस युद्ध के बाद अगले 38 वर्षों तक, गाजा पट्टी इजरायल के कंट्रोल में रहा। इस दौरान इजरायल ने 21 यहूदी बस्तियों का निर्माण किया।

डोनाल्ड ट्रंप का गाजा को लेकर प्रस्ताव क्या है?

गाजा पट्टी का आकार करीब 140 वर्गमील है, जिसमें करीब 23 लाख लोग रहते है। जिससे ये दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला क्षेत्र बन जाता है। अक्टूबर 2023 में इजरायल और हमास के बीच लड़ाई शुरू होने के बाद इजरायल ने गाजा पट्टी को पूरी तरह से समतल कर दिया है। लड़ाई में हजारों फिलिस्तीनी मारे गये हैं। वाइट हाउस में मुलाकात के बाद बेंजामिन नेतन्याहू के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में डोनाल्ड ट्रंप ने हैरान करते हुए कहा, कि ‘अमेरिका को गाजा पर कब्जा कर लेना चाहिए।’ डोनाल्ड ट्रंप, जो कभी न्यूयॉर्क के सबसे दिग्गज रियल एस्टेट कारोबारी थे, उन्होंने कहा, कि “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि गाजा का पुनर्निमाण विश्व स्तर पर हो। यह लोगों के लिए बहुत बढ़िया होगा, खासकर फिलिस्तीनियों के लिए, जिनकी हम बात कर रहे हैं।”

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, कि फिलिस्तीनियों को कहीं और बसाए जाने के बाद अमेरिका इस क्षेत्र का फिर से निर्माण करेगा और गाजा पट्टी को एक ऐसी जगह में बदल देगा, जहां “दुनिया के लोग”, जिसमें फिलिस्तीनी भी शामिल हैं, वो रहेंगे। हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप ने ये नहीं बताया, कि अमेरिका किस हैसियत से ऐसा करेगा? डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया, कि अमेरिका का गाजा में लंबे वक्त तक कंट्रोल रहेगा और उनकी योजना ‘मध्य पूर्व के इस हिस्से में स्थिरता’ लाना है। ट्रंप ने कहा, कि उनका ये फैसला हल्के-फुल्के तरीके से नहीं लिया गया है और उन्होंने कहा कि “मैंने इस बाबत कई लोगों से बात की और जो भी लोग गाजा से प्यार करते हैं, वो इससे सहमत हैं, अमेरिका उस जमीन के टुकड़े का मालिक हो, वहां अमेरिका डेवलपमेंट करे और हजारों नौकरियों का निर्माण करे।”

डोनाल्ड ट्रंप के प्लान के मुताबिक, फिलिस्तीनियों को गाजा से बाहर निकलना होगा और इस दौरान अमेरिका, गाजा का फिर से निर्माण करेगा। डोनाल्ड ट्रंप ने जॉर्डन, मिस्र समेत अरब देसों को अस्थाई तौर पर गाजा के लोगों को आश्रय देने की अपील की। लेकिन, अरब देशों ने फौरन ट्रंप के प्लान को खारिज कर दिया। जबकि, ट्रंप ने अपने ऑफर में कहा, कि “हम गाजा में कुछ ऐसा करेंगे कि फिर वहां से कोई बाहर नहीं जाना चाहेगा। वहीं, जब ट्रंप से पूछा गया, कि क्या वो शून्यता भरने के लिए गाजा में अमेरिकी सैनिकों को भेजेंगे, तो उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा जरूरी होगा, तो ऐसा किया जाएगा। उन्होंने कहा, कि “हम उस हिस्से को अपने कब्जे में लेंगे, जिसे हम विकसित करने जा रहे हैं।”

ट्रंप के प्लान को लेकर नेतन्याहू की सोच क्या है?

ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं, कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू डोनाल्ड ट्रंप के ‘रिवेरा गाजा प्लान’ को लेकर क्या सोचते हैं? इजरायली प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति के इस प्लान की तारीफ की है। वहीं, जब उनसे ट्रंप के गाजा पुननिर्माण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहास कि उनका लक्ष्य एक ऐसा गाजा बनाना है, जो कभी भी इजरायल के लिए खतरा ना बने। नेतन्याहू ने कहा, कि “राष्ट्रपति ट्रंप इसे बहुत ऊंचे स्तर पर ले जा रहे हैं। वह उस भूमि के टुकड़े के लिए एक अलग भविष्य देखते हैं, जो इतने आतंकवाद, हमारे खिलाफ इतने हमलों का केंद्र रहा है… उनके पास एक अलग विचार है।”

नेतन्याहू ने कहा, कि “मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जो इतिहास बदल सकता है, और इस रास्ते पर आगे बढ़ना वाकई सार्थक है।” इजरायल के प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, कि अगर “जहरीले, जानलेवा” हमास को खड़ा रहने दिया गया, तो इस क्षेत्र में शांति नहीं हो सकती, ठीक उसी तरह जैसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में शांति नहीं हो सकती थी, अगर नाजी शासन और सेना को खड़ा रहने दिया जाता।

डोनाल्ड ट्रंप के गाजा प्लान की क्यों हो रही आलोचना?

प्रेस कॉन्फ्रेंस के फौरन बाद ही कई देशों ने उनके बयान की आलोचान शुरू कर दी। आलोचकों ने डोनाल्ड ट्रंप के प्लान को विस्तारवादी नीति का हिस्सा बताया है। डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने ट्रंप के बयान पर हैरानी जताते हुए उनके बयान की निंदा की है। डेमोक्रेटिक सीनेटर क्रिस मर्फी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, कि “गाजा में अमेरिका का आक्रमण हजारों अमेरिकी सैनिकों के लिए नरसंहार होगा और मिडिल ईस्ट में दशकों तक चलने वाले नये युद्ध की शुरूआत होगी। यह एक बीमार विचार है।” कैलिफोर्निया के सांसद एरिक स्वालवेल ने एक्स पर लिखा, कि “रूको! क्या! क्या अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्जा करने जा रहा है?” उन्होंने लिखा है, कि “हमसे और युद्ध नहीं का वादा किया गया था और अभी तक की गिनती के मुताबिक हम ग्रीनलैंड, कनाडा, पनामा नहर और अब गाजा पर कब्जा करने जा रहे हैं?”

संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने भी ट्रंप की घोषणा पर सवाल उठाए। उन्होंने एक वीडियो में रहास रि “जो लोग उन्हें एक खुशहाल, अच्छी जगह पर भेजना चाहते हैं, उन्हें इजरायल के अंदर अपने मूल घरों में वापस जाने दें।” ट्रंप के बयान के फौरन बाद सऊदी अरब ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,, कि “एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य के लिए उनका लंबे समय से किया गया आह्वान एक “दृढ़, मजबूत और अडिग रुख” है।

ट्रंप प्रशासन ने कैसे प्लान का बचाव किया?

तमाम आलोचनाओं के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप के अधिकारी उनके साथ हैं। स्टीव विटकॉफ, जो डोनाल्ड ट्रंप के पश्चिम एशिया दूत हैं, उन्होंने कहा कि बेहतर जीवन जीने के लिए फिलिस्तीनियों को उस जमीन से बंधे रहने की जरूरत नहीं है। फॉक्स न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहास कि “क्षेत्र में शांति का मतलब फिलिस्तीनियों के लिए बेहतर जीवन है। बेहतर जीवन जरूरी नहीं, कि उस भौतिक स्थान से जुड़ा हो जहां आप आज हैं।” उन्होंने कहा, कि “राष्ट्रपति कह रहे हैं, ‘आइए इन लोगों के लिए इसे बेहतर बनाएं। आइए उन्हें और अधिक उम्मीद दें। उन्हें यह विकल्प चुनने दें।’

विककॉफ ने कहा, कि “मुझे लगता है कि वह सही हैं।” लिहाजा, सवाल ये हैं कि क्या निकट भविष्य में गाजा पट्टी में अमेरिकी सेना दाखिल होने वाली है और क्या ट्रंप का प्लान गाजा का पुननिर्माण करना है या फिर गाजा पट्टी के लोगों को हमेशा के लिए बाहर निकालकर उसपर हमेशा के लिए कब्जा करना है।

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ट्रंप ने शुरू किया अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेजना, 205 लोगों को लेकर निकला अमेरिकी सैन्य विमान https://crimeontop.live/2025/02/04/trump-started-sending-illegal-indian-migrants-back-with-205-people-with-american-military-aircraft/ https://crimeontop.live/2025/02/04/trump-started-sending-illegal-indian-migrants-back-with-205-people-with-american-military-aircraft/#respond Tue, 04 Feb 2025 10:23:03 +0000 https://thenews4india.com/?p=3552

राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे प्रवासियों को लेकर सख्त हैं. उनकी सरकार लगातार अवैध प्रवासियों की शिनाख्त कर उन्हें वापस भेज रही है. कहा जा रहा है कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 205 प्रवासियों के जत्थे को अमेरिकी मिलिट्री प्लेन से भारत लाया जा रहा है.

सूत्रों के हवाले से खबर है कि अवैध प्रवासी भारतीयों का पहला जत्था अमेरिकी C-147 प्लेन से भारत आ रहा है. अमेरिका के सैन एंटोनियो से सेना का ये प्लेन लगभग छह घंटे पहले उड़ान भर चुका है. सूत्रों का कहना है कि इस प्लेन में 205 अवैध भारतीय प्रवासी हैं. इन सभी की पहचान कर इन्हें वापस लाया जा रहा है.

खबर है कि भारतीय प्रवासियों को लेकर आ रहा अमेरिकी एयरफोर्स का ये प्लेन अमृतसर में लैंड कर सकता है. हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है. प्लेन रिफ्यूलिंग के लिए जर्मनी में थोड़ी देर के लिए रुक सकता है.

बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने इससे पहले ग्वाटेमाला, पेरू और होंडूरास के अवैध प्रवासियों को भी उनके मुल्क भेज दिया था. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने टेक्सास के अल पासो और कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में हिरासत में रखे गए 5000 से अधिक अवैध अप्रवासियों को भी उनके देशों में भेजना शुरू कर दिया है.

प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 7.25 लाख अवैध भारतीय अप्रवासी रहते हैं. यह आंकड़ा अवैध प्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या का है. पहले स्थान पर मेक्सिको और दूसरे पर अल सल्वाडोर है.

पिछले महीने भारत सरकार ने कहा था कि अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस लेने के मामले में भारत हमेशा तैयार रहा है. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि भारत यह जांच कर रहा है कि अमेरिका में कितने भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं और इन्हें वापस भेजा जा सकता है या नहीं.

अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम

डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम शुरू किया है. इस प्रोग्राम के तहत ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को उनके मुल्क भेजने की कवायद शुरू कर दी है. पिछले हफ्ते ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारत और अमेरिका ने ऐसे लगभग 18000 भारतीयों की शिनाख्त की है, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं.

पिछले हफ्ते अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी और अवैध प्रवासियों से जुड़ी समस्या का समाधान करने की इच्छा जताई थी.

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फिलाडेल्फिया विमान हादसे में 6 मैक्सिकन सहित कुल 7 लोगों की मौत https://crimeontop.live/2025/02/02/a-total-of-7-people-including-6-mexican-killed-in-philadelphia-aircraft-accident/ https://crimeontop.live/2025/02/02/a-total-of-7-people-including-6-mexican-killed-in-philadelphia-aircraft-accident/#respond Sun, 02 Feb 2025 10:36:43 +0000 https://thenews4india.com/?p=3506

शुक्रवार रात को फिलाडेल्फिया में एक व्यस्त मॉल के पास एक मेडिकल ट्रांसपोर्ट विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें एक बच्चा, उसकी मां और चार अन्य लोग सवार थे। न्यूज के अनुसार, शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिलाडेल्फिया की मेयर चेरेल पार्कर ने कहा कि विमान में सवार सभी लोग दुर्घटना में मारे गए और जमीन पर एक व्यक्ति की भी मौत हो गई। अधिकारियों के अनुसार, नॉर्थईस्ट फिलाडेल्फिया एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद शाम करीब 6:30 बजे लीयरजेट 55 पूर्वोत्तर फिलाडेल्फिया में रूजवेल्ट मॉल के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

रिपोर्ट के अनुसार, मेयर पार्कर के कार्यालय ने कहा कि जमीन पर कई लोग पार्किंग स्थल, सड़कों पर, कारों और घरों में घायल हो गए। कई लोगों को पूर्वोत्तर में जीन्स कैंपस के टेम्पल यूनिवर्सिटी अस्पताल ले जाया गया।  न्यूज ने पार्कर के हवाले से कहा कि अभी, हम सिर्फ प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने निवासियों से घटनास्थल से दूर रहने का आग्रह किया। एक बयान में, श्रीनर अस्पताल ने कहा कि बच्ची को फिलाडेल्फिया अस्पताल से देखभाल मिली थी और उसे अनुबंधित एयर एम्बुलेंस पर उसकी मां के साथ उसके गृह देश मेक्सिको वापस ले जाया जा रहा था, जब दुर्घटना हुई।

विमान संचालन कंपनी जेट रेस्क्यू एयर एम्बुलेंस ने दी जानकारी

पार्कर के अनुसार, विमान मिसौरी जा रहा था और कुछ गड़बड़ होने से पहले ही वह कुछ समय के लिए हवा में था। विमान का संचालन करने वाली कंपनी जेट रेस्क्यू एयर एम्बुलेंस ने एक बयान जारी कर पुष्टि की कि विमान में चार चालक दल के सदस्य सवार थे। कंपनी ने कहा कि इस समय, हम किसी के जीवित बचे होने की पुष्टि नहीं कर सकते। परिवार के सदस्यों को सूचित किए जाने तक इस समय कोई नाम जारी नहीं किया जा रहा है। हमारी तत्काल चिंता रोगी के परिवार, हमारे कर्मियों, उनके परिवारों और अन्य पीड़ितों के लिए है जो जमीन पर घायल हो सकते हैं।

मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम पार्डो ने पहले कहा था कि फिलाडेल्फिया विमान दुर्घटना में 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। उन्होंने दुर्घटना में छह मैक्सिकन लोगों के मारे जाने पर अपनी संवेदना व्यक्त की। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मुझे अमेरिका के फिलाडेल्फिया में विमान दुर्घटना में छह मैक्सिकन लोगों की मौत पर दुख है। वाणिज्य दूतावास के अधिकारी परिवारों के साथ लगातार संपर्क में हैं; मैंने विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वे उन्हें हर तरह से सहायता प्रदान करें। मैं उनके प्रियजनों और दोस्तों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।

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